सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को समलैंगिकों से जुड़े मामले में एक बेहद अहम फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली पांच जजों की बेंच ने साफ कर दिया कि समलैंगिकता अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दो बालिग बंद कमरे में आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं तो वो अपराध नहीं माना जा सकता। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- समलैंगिक समुदाय को भी आम नागरिकों की तरह समान अधिकार हासिल हैं। एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करना सर्वोच्च मानवता है। समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखना बेतुका है। चीफ जस्टिस के अलावा इस बेंच में जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के कई शहरों में समलैंगिक समुदाय ने जश्न मनाया।
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Thursday, September 6, 2018
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» Section 377 Live: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- समलैंगिकों को भी आम नागरिकों जैसे अधिकार; कई शहरों में जश्न
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