भारतीय बैंकों को पहली बार विजय माल्या मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। ब्रिटिश कोर्ट के आदेश के बाद लंदन में विजय माल्या की संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि माल्या या ललित मोदी जैसे भगोड़े हाथ नहीं लगे हैं। इसी के साथ भारत से विदेश भागने वाले आरोपियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर हाईप्रोफाइल आरोपी ब्रिटेन क्यों भाग जाते हैं? दरअसल, ब्रिटेन ने यूरोपीय कन्वेंशन ऑन ह्यूमन राइट्स पर दस्तखत कर रखे हैं। इसके मुताबिक अगर कोर्ट को लगता है कि किसी को प्रत्यर्पण करने पर मौत की सज़ा दी जाएगी, प्रताड़ित किया जाएगा या इसके पीछे राजनीतिक कारण हैं, तो वह प्रत्यर्पण का अनुरोध खारिज कर सकती है। इसी का फायदा भगोड़े उठाते हैं।
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Sunday, July 8, 2018
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» हफ्ते का मुद्दा: 16 साल में 23 देशों से 65 भगोड़ों को लाए, पर 25 साल में ब्रिटेन से सिर्फ एक को ला पाई सरकार
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