इसरो अगले 8 महीने में पहली बार किसी निजी भारतीय कंपनी का उपग्रह अंतरिक्ष में भेजेगा। बेंगलुरू में अंतरिक्ष तकनीकी से जुड़े स्टार्टअप पिक्सेल-इंडिया का अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट ‘आनंद’ इसरो के पीएसएलवी सी-51 रॉकेट के जरिए अगले साल अंतरिक्ष में जाएगा।
किसानों को एसएमएस से मिलेगी जानकारी
‘आनंद’ से पृथ्वी पर होने वाली किसी भी घटना की करीब-करीब 24 घंटे रियल टाइम इमेज उपलब्ध हो सकेगी। पिक्सेल के उपग्रहों की मदद से सीजन में फसल व मिट्टी में हो रहे बदलाव पर नजर रखी जा सकेगी। इसे लेकर कोई कदम उठाना है, तो इसकी सूचना भी रियल टाइम में पहुंचाई जा सकेगी। हालांकि सूचना पिक्सेल सीधे किसानों को नहीं देगी, बल्कि कोई अन्य कंपनी या एजेंसी पिक्सेल से डेटा हासिल कर किसानों को एसएमएस से देगी।
डेटा हर 24 घंटे में मिलेगा
इसी तरह वन क्षेत्र में हो रहे बदलाव या निकायों को सड़कों व अन्य बुनियादी ढांचों में हो रहे बदलावों की रियल टाइम जानकारी मिलेगी। अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट से ऐसी निगरानी अब भी होती है, पर पिक्सेल का डेटा हर 24 घंटे में मिलेगा। पिक्सेल के दो संस्थापकों में से एक क्षितिज खंडेलवाल ने बताया, ‘इन उपग्रहों से समस्याओं को जल्द पहचाना जा सकेगा और तत्काल समाधान सुझाए जा सकेंगे। बाढ़ जैसी आपदाओं में प्रबंधन, जल व वायु प्रदूषण पर भी नजर रखी जा सकेगी।’
2023 तक कुल 24 उपग्रह लॉन्च करेगी
पिक्सेल इंडिया एक अर्थ इमेजिंग स्टार्टअप है, जो 2023 तक कुल 24 उपग्रह लॉन्च करेगी। सभी उपग्रह इसरो के अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट के आकार व लागत की तुलना में 10 गुना छोटे होंगे, लेकिन सभी 24 उपग्रहों के अंतरिक्ष में स्थापित होने के बाद इसकी क्षमता 24 घंटे में ग्लोबल कवरेज की होगी।
गुरुवार को पीएसएलवी सी-50 रॉकेट के जरिए सीएमएस-1 की सफलतापूर्वक लांचिंग के बाद इसरो चेयरमैन डॉ. के सिवन ने कहा था कि इसरो व भारत के लिए पीएसएलवी का अगला पीएसएलवी सी-51 मिशन खास होगा, इसके जरिए ‘आनंद’ उपग्रह अंतरिक्ष में जाएगा।
अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार लागू होने के बाद निजी क्षेत्र द्वारा इसरो की सुविधाओं के इस्तेमाल की यह पहली गतिविधि होगी। आनंद के साथ दो नैनो सैटेलाइट- चेन्नई के स्टार्टअप स्पेसकिड्ज का ‘सतीश’ और यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम का ‘यूनीवसेट’ भी भेजे जाएंगे।
सिवन बोले- अगला साल चंद्रयान और आदित्य की लॉन्चिंग
डॉ. सिवन ने बताया कि पीएसएलवी सी-51 मिशन के अलावा भी 2021 बेहद व्यस्तता से भरा होगा। इसरो अगले साल चंद्रयान-3, आदित्य एल-1 लॉन्च करेगा और गगनयान की टेस्ट फ्लाइट भी भेजेगा। इसके अलावा जीएसएलवी व एसएसएलवी के मिशन भी जारी रहेंगे। इस तरह हर महीने कम से कम एक-दो लॉन्चिंग होंगी।
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