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Monday, April 24, 2023

कितना प्यारा वीडियो है! बारिश में भीग रहे बेजुबान को सहारा देकर दिल जीत लिया इस बच्चे ने

Emotional Video: सोशल मीडिया पर एक से बढ़कर एक वीडियो वायरल होता रहता है. कुछ वीडियो दिल को छू लेने वाले होते हैं, वहीं कुछ वीडियो ऐसे होते हैं, जिन्हें देखने के बाद आप पूरी तरह से दंग हो जाते हैं. अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बहुत ही प्यारा वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बेजुबान बारिश में भीग रहा होता है, ऐसे में एक छोटा बच्चा अपना छाता निकालकर उसकी रक्षा करता है. सोशल मीडिया पर यह वीडियो लोगों को पसंद आ रहा है.

देखें वायरल वीडियो

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक कुत्ता बारिश में भीग रहा होता है. तभी उस कुत्ते पर नज़र एक छोटे बच्चे को पड़ती है. बच्चा बिना देर किए हुए अपना छाता निकालता है और कुत्ते के ऊपर लगा देता है. इस वीडियो को देखने के बाद यूज़र्स अपना दिल हार रहे हैं.

वायरल हो रहे इस वीडियो को @cctvidiots नाम के यूज़र ने शेयर किया है. इस वीडियो को 9 लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. वहीं वायरल हो रहे इस वीडियो पर कई लोगों के कमेंट्स भी देखने को मिल रहे हैं. एक यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- ये बहुत ही इमोशनल वीडियो है. देखकर काफी कुछ सीखने को मिल रहा है. एक अन्य यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- इस वीडियो को देखने के बाद मैं भावुक हो रहा हूं.

इस वीडियो को भी देखें



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Doctors At Delhi AIIMS Remove Whistle Stuck In 4-Year-Old's Throat

Doctors at the All India Institute of Medical Sciences removed a whistle which had got stuck in the airways of a 4-year-old child after he accidentally aspirated it, through endoscopy. "Shahin, a native of Nuh district in Haryana, was brought to the Mother and Child Block of the hospital Sunday morning," Dr Prabudh Goel, Additional Professor, Department of Paediatric Surgery said.

He said the child's father had bought him a pair of slippers which had an inbuilt whistle. The whistle got dislodged and Shahin put it inside his mouth and it landed in his airways, Goel added. "The child was coughing when he was brought to the emergency ward. He was also in respiratory distress because the airways were compromised... the child was also making a whistling sound while breathing," the doctor said.

The left main bronchas was okay, the left lung was being aerated and that is the reason the child survived. Additionally, there was movement of air into and out of the right lung through the whistle. The parents told us that it took them about one-and-half hours to reach the hospital.

A foreign body lodged in the main trachea blocking the main airway is an emergency of the highest order, Goel said.

"The child was directly taken to the operation theatre from emergency where we did a bronchoscopy. The bronchoscopy per say is a life and death challenge. Besides that it runs a risk of damage to the brain. There is a possibility we might need to do treacheostomy or a thoracotomy (open chest surgery) in such children," he said.

AIIMS director Dr M Srinivas was also present during the surgery. Dr Meenu Bajpai, Head of Department, Paediatric Surgery said such incidents of children coming to the emergency ward after swallowing peanuts, pieces of almonds, beads, safety pins, buttons and batteries are common mostly in children aged below 5-7 years. He said the hospital encounters approximately 100 such cases in a year.

"Through this case presentation, we want to spread awareness that parents should keep such items such as buttons, batteries, small toy whistles, necklace beads, peanuts, almonds and shirt buttons out of the reach of children," he said.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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‘मन की बात’ कार्यक्रम से कृषि, उद्यमिता के प्रति जागरूकता पैदा हुई : स्टडी

आकाशवाणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात' कार्यक्रम को प्रेरणा का एक विश्वसनीय स्रोत, कृषि और उद्यमिता विकास के लिए व्यापक जागरूकता के माध्यम के रूप में माना जाता है. आईसीएआर-मैनेज के एक ताजा अध्ययन में यह जानकारी दी गई है. अक्टूबर, 2014 में शुरू हुए ‘मन की बात' कार्यक्रम के 99 एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कई विषयों पर बात की है. कई एपिसोड में कृषि मुद्दों का भी जिक्र किया गया है.

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मन की बात के किसानों और अन्य अंशधारकों के बीच प्रभाव और सीखने के माहौल का आकलन करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) द्वारा एक अध्ययन किया गया था.

इस अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, और एकीकृत कृषि प्रणाली (विविधीकरण) को अपनाने की इच्छा मन की बात के एपिसोड में शामिल छोटे किसानों का सबसे पसंदीदा विषय थे. अध्ययन में कहा गया है, ‘‘मन की बात को कृषि और उद्यमशीलता के विकास के लिए प्रेरणा का एक विश्वसनीय स्रोत और बड़े पैमाने पर जागरूकता का माध्यम माना जाता है.''

मोटे अनाज के किसानों के साथ एक अन्य आकलन से पता चला है कि कृषि विज्ञान केंद्र के पेशेवरों द्वारा मन की बात और अनुवर्ती कार्रवाई के माध्यम से दिए गए संदेश ने मोटे अनाज की उन्नत किस्मों को अपनाने की प्रक्रिया और उत्पादन प्रणाली पर किसानों की धारणा को मजबूत किया है.

कृषि मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, मन की बात कार्यक्रम ने कृषि-स्टार्टअप को किसानों को लाभान्वित करने वाले नवीन समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया. इसी तरह, कार्यक्रम के दायरे में लिये गए कृषि-ड्रोन पर किए गए अध्ययन ने संकेत दिया कि अधिकांश किसानों (अनुकूल दृष्टिकोण वाले) ने ड्रोन को कृषि कार्यों के लिए एक उपयोगी तकनीक के रूप में माना.

इसमें आगे कहा गया है, ‘‘हालांकि, उनमें से काफी लोगों ने इस तकनीक को समझने में जटिलता के संबंध में अपनी चिंता भी व्यक्त की है.'' इसके अलावा, अध्ययन में कहा गया है कि रेडियो कार्यक्रम किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पर कृषि-व्यवसाय को आसान बनाने, उच्च मूल्य वाली फसलों के आदानों की आसान उपलब्धता और सामूहिक कार्रवाई के लिए एक अनुकूल वातावरण भी बना सकता है जो किसानों की खेती की लागत को कम कर सकता है.

एफपीओ किसानों ने कहा कि मन की बात के से वे कृषि-व्यवसाय को बढ़ावा देने वाली सरकार की विभिन्न नीतियों और योजनाओं से भी अवगत हुए. बयान में कहा गया है कि मधुमक्खी पालन पर अध्ययन से पता चला है कि मन की बात कार्यक्रम के बाद इस क्षेत्र के मौजूदा संसाधन जुटाए गए हैं.

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Sunday, April 23, 2023

मध्य प्रदेश में सामूहिक विवाह से पहले दुल्हनों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने पर विवाद

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों के लिए सामूहिक विवाह योजना कुछ दुल्हनों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के बाद विवादों में आ गई है. 219 लड़कियों में से पांच का टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद शनिवार को उनकी शादी नहीं हुई. इस मामले ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद उत्पन्न कर दिया है. कांग्रेस ने सवाल किया है कि टेस्ट का आदेश किसने दिया. मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत सामूहिक विवाह डिंडोरी के गडसराय क्षेत्र में संपन्न हुआ. जिन महिलाओं का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया था, उनमें से एक ने कहा कि वह शादी से पहले अपने मंगेतर के साथ रहने लगी थी. उसने कहा, "मेरा प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया है. संभवत: इसी वजह से मेरा नाम शादी की अंतिम सूची से हटा दिया गया, हालांकि, अधिकारियों ने मुझे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है."

बछड़गांव गांव की सरपंच मेदानी मरावी ने कहा, "पहले कभी इस तरह के टेस्ट नहीं किए गए थे. यह उन लड़कियों का अपमान है, जो अब अपने परिवारों के सामने बदनाम हो गई हैं." डिंडोरी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रमेश मरावी ने कहा कि आमतौर पर आयु सत्यापन, सिकल सेल एनीमिया और शारीरिक फिटनेस का पता लगाने के लिए टेस्ट किए जाते हैं.उन्होंने कहा, "उच्च अधिकारियों के कहने पर कुछ लड़कियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया, जिनके मामले संदिग्ध थे." उन्होंने कहा, "हम केवल टेस्ट करते हैं और निष्कर्षों की रिपोर्ट करते हैं. लड़कियों को सामूहिक विवाह योजना से बाहर करने का निर्णय स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लिया जाता है." कांग्रेस का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने प्रेग्नेंसी टेस्ट कराकर महिलाओं का अपमान किया है.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, "मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह खबर सच है? अगर यह खबर सच है तो किसके आदेश पर मध्य प्रदेश की बेटियों का यह घोर अपमान किया गया?" क्या मुख्यमंत्री की नजर में गरीब और आदिवासी समाज की बेटियों की कोई इज्जत नहीं है? शिवराज सरकार में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले से ही अव्वल है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले." मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अप्रैल 2006 में शुरू की गई थी. इस योजना के तहत, राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता के रूप में ₹ 56,000 प्रदान करती है.

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'न्यू नोएडा' के लिए भूमि अधिग्रहण को बजट में एक हजार करोड़ रुपये आवंटित

नोएडा प्राधिकरण ने रविवार को कहा कि उसने 2023-24 के बजट में उस क्षेत्र के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसे ‘न्यू नोएडा' के नाम से जाना जाएगा. प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि उसने मौजूदा नोएडा क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया, जबकि बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों के लिए 1,906 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं.

उत्तर प्रदेश औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की उपस्थिति में आयोजित नोएडा प्राधिकरण की 209वीं बोर्ड बैठक के बाद ये घोषणाएं की गई.

नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने बैठक के दौरान 2023-24 के लिए 6,920 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी. बैठक में प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी भी शामिल हुईं.

प्राधिकरण ने बयान में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 के लिए नोएडा प्राधिकरण बोर्ड द्वारा राजस्व में 8,920 करोड़ रुपये और व्यय में 6,503 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.''

इसमें कहा गया है कि नोएडा क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के लिए प्राधिकरण द्वारा कुल 500 करोड़ रुपये और ‘न्यू नोएडा' में भूमि अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.



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Madhya Pradesh Man Dies By Suicide Over Family's Financial Situation: Cops

A 24-year-old man died by suicide by bursting a firecracker in his mouth in Madhya Pradesh's Sheopur district on Sunday, police said.

Prima facie, the dead Brajesh Prajapati was tense as he couldn't pursue higher studies in a big city as his family's financial condition was not good. A police officer said the Prajapati took the extreme step as he was tense over some issues.

"Prajapati burst a 'sutli' bomb cracker in his mouth when he was in the toilet at around 9 AM. After hearing the sound, his family members rushed in. They shifted the injured man to a hospital, where doctors declared him dead," he said.

A case was registered and further investigation is underway.

Hridyesh, the elder brother of the dead, said Brajesh was good in studies and a student of B.SC in a local college.

He claimed the financial condition of the family was not good and they couldn't send Brajesh to a big city for studies.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)

Helplines
Vandrevala Foundation for Mental Health 9999666555 or help@vandrevalafoundation.com
TISS iCall 022-25521111 (Monday-Saturday: 8 am to 10 pm)
(If you need support or know someone who does, please reach out to your nearest mental health specialist.)


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विपक्षी एकता के लिए नीतीश कुमार की मुहिम जारी, ममता और अखिलेश से मुलाकात करेंगे

विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे जनता दल यूनाईटेड के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को कोलकाता और लखनऊ जाएंगे. वे कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे. नीतीश कुमार के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जाएंगे.

संभावना है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान विपक्षी दलों को एकजुट करने की आगे की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं.

नीतीश कुमार से जब रविवार को ममता बनर्जी से प्रस्तावित बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ''यह सब अभी पूछने की क्या जरूरत है. हम जब सब कर लेंगे तब बात करेंगे.''  

नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता के लिए अपनी मुहिम के बारे में कहा कि, ''हम अपने लिए कुछ नहीं चाहते, कितनी बार बोल चुके हैं. हमारी अपने लिए कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है. हम तो पूरे देश के हित में सोच रहे हैं. अभी जो कुछ भी हो रहा है, पूरे देश के इतिहास को बदलने के चक्कर में हैं. हम चाहते हैं कि देश सुरक्षित रहे. आजादी की जो इतनी बड़ी लड़ाई हुई, नई पीढ़ी को मालूम होना चाहिए. कुछ लोग आजकल सब चीजों को बदल देना चाहते हैं. सब लोग जब एक साथ हो जाएंगे, मिलेंगे तो देश सुरक्षित रहेगा. हम इसके लिए काम कर रहे हैं.''   

इससे पहले इसी महीने दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल समेत वामपंथी नेताओं के साथ बीजेपी के खिलाफ 2024 में संयुक्त रणनीति को लेकर बैठकें की थीं.

नीतीश कुमार ने 12 अप्रैल को तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी. बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. बैठक में ललन सिंह, मनोज झा, सलमान खुर्शीद, मुकुल वासनिक और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी मौजूद थे.

नीतीश कुमार ने उसी दिन शाम को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी. 

फरवरी में, नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया था कि यदि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल 2024 का लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ते हैं, तो भाजपा 100 सीट से कम सीट पर सिमट जाएगी.

नीतीश कुमार ने पिछले साल सितंबर में भी दिल्ली का दौरा किया था, जब उन्होंने शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, डी राजा, सीताराम येचुरी और अखिलेश यादव जैसे नेताओं से मुलाकात की थी. जद (यू), राजद, कांग्रेस और वाम दल बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं.



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